ईडी सूत्रों के मुताबिक, उस डायरी में बालूदा का नाम भी लिखा है। यह एक और डायरी है। क्या फिर कोई नई जानकारी सामने आ रही है?
कोलकाता। राशन घोटाला मामले में ईडी को एक और डायरी मिली है। मरून डायरी, तीन नोटबुक के बाद एक और डायरी जांचकर्ताओं के हाथ लगी है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, डायरी बाकिबूर के एक करीबी कारोबारी के पास से बरामद हुई है।
सूत्रों के मुताबिक ईडी द्वारा पूछताछ के दौरान व्यवसायी ने बताया कि बकीबुर के आदेश पर कई मिलों से आटा बनाने के बाद 20 से 30 फीसदी सरकारी खाद्य सामग्री खुले बाजार में बिक्री के लिए उतार दी जाती थी। सूत्रों के मुताबिक, डायरी में लेनदेन के हिसाब-किताब के साथ कई गेहूं मिलों की सूची भी है। आटा बनने के बाद खुले बाज़ार में बेचने से पहले इसे पैकेजिंग के लिए भेजा जाता था। ईडी का दावा है कि डायरी से कई सुराग मिले हैं कि पैकेजिंग कहां होती थी।
केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, पैकेजिंग के बाद आटे को खुले बाजार में ऊंचे दाम पर बेचा जाता था। और लाभ का एक हिस्सा बाकिबुर और उसके सहयोगियों को जाता था । डायरी से मिली जानकारी से कई मिल मालिक, पैकेजिंग कंपनियों की तलाश में जुटी ईडी ईडी ने दावा किया कि कारोबारी ने अपने बयान में कहा कि राशन का गेहूं कम कीमत पर खरीदा गया। बाद में आटा बनाकर मुनाफ़े के लिए खुले बाज़ार में बेचा जाने लगा। पहले एक मैरून डायरी मिली थी। यह पूर्व सहायक के घर से है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, इसमें सटीक तारीख पर पैसों का हिसाब लिखा हुआ है। कब किससे कितना पैसा लिया गया। ईडी सूत्रों के मुताबिक, उस डायरी में 'बालूदाÓ का नाम भी लिखा है। यह एक और डायरी है। क्या फिर कोई नई जानकारी सामने आ रही है?